Wednesday, April 11, 2012

दिल के नगमे - २

आजकल ना जाने क्यु
हम गुमसूम से रहते है|
हर घडी हर पल
आपही के खयालों मे गूम से रहते है|

-----------------------------------------

जिंदगी मे इस कदर शामील हो तुम
तुम्हे ना पाके भी हासिल हो तुम
तुफानोंसे भरे समंदर मे
मेरे दिल का साहिल हो तुम|

-----------------------------------------

ना जीते है ना मरते है
सिर्फ आहें भरते रहते है|
आपके खयालों मे
रातभर जागते रहते है|

-----------------------------------------

बनावट की इस दुनिया मे
एक तुम ही सच्चे लगे|
खामीयाँ तो तुम मे भी थी
फिर भी दिल को अच्छे लगे|

-----------------------------------------

काश आपको सीने से लगा पाते
जैसे आपकी तसवीर को लगा लेते है|
काश आपसे वो बात कह पाते
जो आपकी तसवीर से कर लेते है|

-----------------------------------------
दिल का भी एक दिल है
जिसमें तुम्हे बसाया है|
तुम्हारी प्यार भरी निगाहे
बस्स इतनाही किराया है|

-----------------------------------------

दिल के भी कुछ उसूल है
दुनिया से ज़रा निराले है|
किसने कहा दर्द खुशी नही देते
इस दिल ने तो सौ दर्द पाले है|

-----------------------------------------

खुद को करीब से देखना छोड दिया हमने
अपनी तकदीर पे इतराना छोड दिया हमने
जब भलाई का जमाना ही ना रहा
शराफत दिखाना छोड दिया हमने|

---शुभा मोडक

No comments:

Post a Comment