फडफडाते है अभी भी यादोंके कुछ पन्ने
जिनपे अपने निशान छोडे थे तुमने कभी....
महकती है अभी भी कभी कबार सांसे
तुम्हारी सांसो ने जिनको छुआ था कभी....
थरथराता है अभी भी शर्म से मेरा बदन
तुम्हारी बाहोंने जिसे समेटा था कभी....
भर आती है अभी भी आँखे युं ही बिना बात के
तुम्हारे सपने जिनमे सजाये थे कभी....
दोहराते है अभी भी मेरे होठ उन्ही नगमोंको
तुम्हारे होठोंने जिनको छेडा था कभी....
हां, धडक लेता है अभी भी ये दिल
तुम्हारे प्यार ने जिसे जि़ंदा किया था कभी....
--शुभा मोडक (०८-मे-२०१२)
जिनपे अपने निशान छोडे थे तुमने कभी....
महकती है अभी भी कभी कबार सांसे
तुम्हारी सांसो ने जिनको छुआ था कभी....
थरथराता है अभी भी शर्म से मेरा बदन
तुम्हारी बाहोंने जिसे समेटा था कभी....
भर आती है अभी भी आँखे युं ही बिना बात के
तुम्हारे सपने जिनमे सजाये थे कभी....
दोहराते है अभी भी मेरे होठ उन्ही नगमोंको
तुम्हारे होठोंने जिनको छेडा था कभी....
हां, धडक लेता है अभी भी ये दिल
तुम्हारे प्यार ने जिसे जि़ंदा किया था कभी....
--शुभा मोडक (०८-मे-२०१२)
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